“मैं गुरु किसी का भी नहीं हूं, मेरा कोई शिष्य नहीं है !” – ओशो !
भगवान श्री, आपने कहा है कि बाहर से व्यक्तित्व व चेहरे आरोपित कर लेने में सूक्ष्म चोरी है तथा इससे पाखंड और अधर्म का जन्म होता है। लेकिन देखा जा रहा है कि आजकल आपके आस-पास अनेक नये-नये ...
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