“जानिए शरीर से तादात्म्य/आइडेंटिटी तोड़ने के 2 प्रयोग ! (Disidentification)” – ओशो
शरीर के साथ हमारा तादात्म्य है, एक आइडेंटिटी है। हमें ऐसा प्रतीत नहीं होता कि हमारा शरीर है। किसी तल पर हमें प्रतीत होता रहता है, मैं शरीर हूं। मैं शरीर हूं, यह भाव विलीन हो जाए, तो शरीर-शून्यता घटित ...
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