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“गुरु, पैगम्बर, तीर्थंकर आदि होते हैं! फिर भी मनुष्य जाति सुधरती क्यों नहीं?” – स्वामी शैलेन्द्र सरस्वती

प्रश्न- एक मित्र ने पूछा है कि इतने गुरु, पैगम्बर, तीर्थंकर आदि होते हैं। फिर भी मनुष्य जाति सुधरती क्यों नहीं? क्योंकि लोग सीखने के लिए तैयार ही नहीं होते। गौर से सुनना- सिखाने वाले कुछ सिखाते हैं और ...

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“परिवारजनों, रिश्तेदारों और मित्रों से कलह हो जाती है, झगड़ा हो जाता है; क्या करें?” – स्वामी शैलेन्द्र सरस्वती

प्रश्न -परिवारजनों, मित्रों और रिश्तेदारों से मेरा अक्सर झगड़ा हो जाता है, किन्तु अजनबी लोगों के बीच में मैं अच्छा व्यवहार करता हूँ और सभी लोग मुझे एक अच्छा आदमी समझते हैं? महत्वपूर्ण सवाल है। एक व्यक्ति का नहीं, ...

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“जीवन जीने की कला !” – स्वामी शैलेन्द्र सरस्वती

जीवन जीने की कला संक्षेप में समझाएं? एक चुटकला सुनाता हूँ पहले, फिर संक्षेप में ही समझ में आ जाएगी बात। एक विद्यार्थी स्कूल में पहुँचा। एक पैर में लाल जूता पहना था, एक में काले रंग का। शिक्षक ...

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